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Tanha raah ka raahi

तूफान  को  अब आईना  दिखाने की जरूरत हैं
कश्ती  लेके  समंदर में उतर जाने की जरूरत हैं

मुद्दतो  हुई  के  तूफां  के  डर  से  डरे  बैठे  हैं
आज तूफां के दिल में डर बिठाने की जरूरत हैं

कत्ल तो कर दिया हैं आपने अपने करम से मुझे,
क्या वाक़ई अब भी मुझे मर जाने की जरूरत हैं

तू झूठ भी बोले तो हैं यक़ीन तुझपे दुनिया को 
तुझे ना कोई कसमे वसमे खाने की जरूरत हैं

मैं फिर से सेहरा को समंदर कर देना चाहता हूं
करम करदो के मुझे अश्क़ बहाने की जरूरत हैं


तारिक़ अज़ीम 'तनहा'

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10 Comments

Neelam josi

21-May-2022 04:01 PM

Very nice 👌

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Fareha Sameen

20-May-2022 08:48 PM

Nice

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Mchoudhary

20-May-2022 10:27 AM

Nice

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